Facts About Shodashi Revealed

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In One more depiction of hers, she is revealed like a sixteen-12 months-old younger and sweet Lady decorated with jewels which has a dazzling shimmer as well as a crescent moon adorned more than her head. She is sitting on the corpses of Shiva, Vishnu, and Brahma.

सर्वेषां ध्यानमात्रात्सवितुरुदरगा चोदयन्ती मनीषां

पञ्चबाणधनुर्बाणपाशाङ्कुशधरां शुभाम् ।

ह्रीं‍मन्त्रान्तैस्त्रिकूटैः स्थिरतरमतिभिर्धार्यमाणां ज्वलन्तीं

श्री-चक्रं शरणं व्रजामि सततं सर्वेष्ट-सिद्धि-प्रदम् ॥४॥

नौमीकाराक्षरोद्धारां सारात्सारां परात्पराम् ।

The choice of mantra style is just not just a matter of choice but demonstrates the devotee's spiritual ambitions and the character of their devotion. It is a nuanced aspect of worship that aligns the practitioner's intentions Along with the divine energies of Goddess Lalita.

लक्ष्या मूलत्रिकोणे गुरुवरकरुणालेशतः कामपीठे

हन्यादामूलमस्मत्कलुषभरमुमा भुक्तिमुक्तिप्रदात्री ॥१३॥

श्रीं‍मन्त्रार्थस्वरूपा श्रितजनदुरितध्वान्तहन्त्री शरण्या

चक्रे बाह्य-दशारके विलसितं देव्या पूर-श्र्याख्यया

Her job transcends the mere granting of worldly pleasures and extends to your purification in the soul, leading to spiritual enlightenment.

इसके अलावा त्रिपुरसुंदरी देवी अपने नाना रूपों में भारत के विभिन्न प्रान्तों में पूजी जाती हैं। वाराणसी में राज-राजेश्वरी मंदिर विद्यमान हैं, जहाँ देवी राज राजेश्वरी(तीनों लोकों की रानी) के रूप में पूजी जाती हैं। कामाक्षी स्वरूप में देवी तमिलनाडु के कांचीपुरम website में पूजी जाती हैं। मीनाक्षी स्वरूप में देवी का विशाल भव्य मंदिर तमिलनाडु के मदुरै में हैं। बंगाल के हुगली जिले में बाँसबेरिया नामक स्थान में देवी हंशेश्वरी षोडशी (षोडशी महाविद्या) नाम से पूजित हैं।

यदक्षरशशिज्योत्स्नामण्डितं भुवनत्रयम् ।

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